चलो फिर से मिलें

फिर नज़रे झुकाकर धीरे से ये कहना, जब भी आए याद चलो फिर से मिलें

चलो फिर से मिलें

फिर से मिलें

जब कभी आँखो में ख़्वाब,

वो रातों के अपने याद,

वो तेरा यूँ झुककर मुस्कुराना,

फिर दांतो को होठों से छुपाना,

जब भी आए याद चलो फिर से मिलें ।।

वो समोसे का स्वाद,

तेरी कुल्हड़ की चाय,

वो तेरा चुस्कियों से होठों को भीगोना,

फिर नज़रे झुकाकर धीरे से ये कहना,

जब भी आए याद चलो फिर से मिलें ।।

वो तेरे जुल्फों वाले बाल,

तेरी बहकती हुई चाल ,

एक दूसरे को संभालना, और

वो हमारी यादों का ख़याल ,

जब भी आए याद चलो फिर से मिलें ।।


Written by: Satyendra
Published at: Sun, Apr 6, 2025 9:09 PM
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